25 हजार की सेविंग से बनाई 3000 करोड़ की कंपनी,खरीदा 'काका' का बंगला
मुंबई. फैमिली बिजनेस बंद होने पर शशि मुंबई आ गए थे। नौकरी के
लिए भटकते-भटकते एक दिन डॉक यार्ड पहुंच गए। पहली बार बड़े-बड़े शिप देखकर
वे रोमांच से भर उठे। तय कर लिया कि वे इसी क्षेत्र में कुछ करेंगे। नौकरी
की शुरुआत एक छोटी शिपिंग कंपनी से करने के बाद वे टाटा की फोर्ब्स गोकाक
में आ गए। यहां काम के साथ उन्होंने इस क्षेत्र से जुड़े लोगों से दोस्ती
करनी शुरू की। रोज शिप के कैप्टन, मैनेजर्स, डॉक यार्ड स्टाफ और ट्रक के
मालिकों से मिलते। काम की हर बारीकी को समझा। चार साल यही करते बीत गए। 25
हजार रुपए जमा होने पर अपने बिजनेस के बारे में सोचने लगे।
पी डिमेलो रोड स्थित व्यापार भवन में एक कमरे का ऑफिस खोला। चार
लाेगों का स्टाफ था। जान-पहचान के ट्रांसपोटर्स से कुछ ट्रक किराए पर लिए।
इनसे जहाज तक माल पहुंचाने का काम शुरू किया। शिपिंग कंपनियों को उन्होंने
इस बात के लिए मना लिया था कि वे महीने के बजाए रोज पेमेंट लेंगे। यहीं से
उनकी कंपनी ट्रांस इंडिया फ्राइट सर्विसेज की शुरुआत हो गई। जो भी कमाते,
उसे उपकरण खरीदने में लगा देते।
अपने फैमिली बिजनेस की बर्बादी से सीख लेते हुए उन्होंने सबसे पहले
फाइनेंस से जुड़े प्रोफेशनल्स को अपने साथ जोड़ा, जो हर छोटी बड़े लेन-देन पर
कड़ी नजर रखते। काम बढ़ने के साथ ही देश में उदारीकरण का माहौल बन गया था।
शिपिंग बिजनेस में उतरने का यही सही समय था और उन्होंने ऑल कार्गो ग्लोबल
लॉजिस्टिक कंपनी लॉन्च कर दी, जो आज 3 हज़ार करोड़ की कंपनी है।
चर्चा में क्यों : इन्होंने बॉलीवुड के पहले सुपर स्टार राजेश खन्ना का मुंबई स्थित बंगला 'आशीर्वाद' खरीदा है।
जन्म : 1957, द.कन्नड़, कर्नाटक
शिक्षा : कॉमर्स से ग्रैजुएट
परिवार : पत्नी आरती कंपनी में डायरेक्टर हैं। एक बेटा और एक बेटी है। भाई उमेश भी उनके बिजनेस में सहयोग करते हैं।
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